क्या है कारण जो कि ईरान की राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी पाकिस्तान जा रहे हैं
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी शिर्स पाकिस्ताननी साथ बातचीत करने के लिए तैयार है क्योंकि दोनों देश का लक्ष्य व्यापार का बढ़ावा देना और सीमा मुद्दों को हल करना है।
ईरान और इजरायल द्वारा एक दूसरे के खिलाफ हमले किए जाने के कुछ दिनों बाद जिससे गंज युद्ध के क्षेत्रीय संघर्ष में बढ़ाने का खतरा पैदा हो गया है, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम राशि क्षेत्रीय और दीपों की संबोध पर चर्चा करने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर पाकिस्तान में है।
<span;>रायसी का प्रधानमंत्री शाहाबाद शरीफ सहित सिर्फ पाकिस्तानी नेतृत्व के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है, क्योंकि दोनों पड़ोसी जनवरी में जैसे को तैसा मिसाइल हम लोग के बाद संबोध को सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
<span;>स्थानीय मीडिया ने बताया कि रायसी पाकिस्तान की सेवा के प्रमुख जनरल असीम मुनीर से भी मुलाकात करेंगे। जिनका दक्षिण एशिया राष्ट्र में बड़ा राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव है।
पाकिस्तान जाने का मूल उद्देश्य क्या है??
रायसी सोमवार को राजधानी इस्लामाबाद पहुंचे क्योंकि दोनों पड़ोसियों का लक्ष्य आर्थिक, सीमा और ऊर्जा संबोध को बढ़ावा देना है।
“इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान, पड़ोसी की नीति के अनुरूप…. पाकिस्तान के साथ संबंध को बढ़ावा देने में रुचि रखता है और इस यात्रा के दौरान पाकिस्तान सरकार के साथ आर्थिक और वाणिज्यिक मुद्दों ऊर्जा और सीमा मुद्दों सहित विभिन्न मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। ईरानी राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान में सोमवार को कहा गया।
रविवार को जारी एक बयान में पाकिस्तान के विदेशी मंत्रालय ने द्विपक्षी संबोध में सुधार का आह्वान किया। बयान में कहा गया, दोनों पक्षियों के पास पाकिस्तान ईरान को और मजबूत करने और व्यापार कनेक्टिविटी ऊर्जा कृषि और लोगों से लोगों के बीच संपर्क सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए एक व्यापक एजेंडा होगा।
ईरान पाकिस्तान संबंध की क्या स्थिति है????
ईरान और पाकिस्तान के रिश्तों का इतिहास और संत रहा है, दोनों एक दूसरे पर सशस्त्र समूह पर लगाम लगाने में नाकामर्रा रहने का आरोप लगाते रहते हैं।
जनवरी में सीमा पर ताना बढ़ गया जब ईरान ने पाकिस्तान में सीमा पर हवाई हमले की जिसमें दो बच्चों की मौत हो गई। ईरानी राज्य में दिया ने कहा कि हमला समूह जो आदर के दो ठिकानों को निशाना बनाकर किया गया था। पाकिस्तान में जवाबी कार्रवाई में ईरानी क्षेत्र में मिसाइल दागी और तेहरान से अपने राजदूत को वापस बुला लिया।
लेकिन दोनों पड़ोसियों ने तनाव कम करने का फैसला किया। तेरा नी संवत को सुधारने के लिए अपने सिर्ष राजानैक को इस्लामाबाद भेजो। दोनों देश विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्र में आतंकवाद के खतरे का मिलकर मुकाबला करने पर सहमत हुए। राय सिटी यात्रा से पहले तेहरान और इस्लामाबाद ने “आतंकवाद”से अन्य पढ़ने के बारे में बात की
पाकिस्तान और ईरान रिश्ते क्यों महत्वपूर्ण है???
पाकिस्तान में विदेश नीति विश्ले शान सीमा तनाव के बापू छूट ईरान के साथ फिर से जुडा का समर्थन किया है।
अनुभव पाकिस्तानी राजनयक मलीहा लुधियाना अल जजीरा को बताया पाकिस्तान की भारत के साथ-साथ अफगानिस्तान के साथ भी सीमाएं भी अ शांति हे। और इसीलिए ईरान के साथ सामान्य तीर संबंध रखना पाकिस्तान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है और वह रहेगा। जनवरी में सीमा पर तनाव के मुद्दे नजर।
इस्लामाबाद और तेहरान दीप किया व्यापार को बढ़ावा देने का लक्ष्य रख रहे हैं। जो वर्तमान में 2 बिलियन से अधिक है।
फैसल ने आल जजीरा को बताया कि दोनों देश के बीच तरल पेट्रोलियम गैस, और कच्चे तेल सहित एक बड़ा और नौपचारिक व्यापार है। उन्होंने कहा कि ईरान बलूचिस्तान प्रांत और पाकिस्तान के अन्य सीमावर्ती क्षेत्रों को भी बिजली प्रदान करता है
अपनी यात्रा के पूर्व संध्या पर ईरानी राष्ट्रपति ने द्विपक्षीय व्यापार में१० अरब डॉलर का लक्ष्य रखा है और कहा कि दोनों देश के बीच आर्थिक संबंध का स्तर राजनीतिक संबंध के स्तर के बराबर नहीं है पिछले अगस्त में उन्होंने द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य 5 बिलीयन डॉलर निर्धारित किया था.
>पाकिस्तान को ईरानी प्राकृतिक गैस करने के लिए एक पाइप लाइन बनाने की योजना संयुक्त राज्य अमेरिका के विरोध के कारण रूप की हुई है। जिसने तेहरान पर उसे उसके पर मानव कार्यक्रम को लेकर कई तरह के प्रतिबंध लगाया दिया है।
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय ने कहा कि वार्ता की दौरान पाकिस्तान ईरान गैस पाइपलाइन पर चर्चा हो सकती है।
ईरान इजरायल तनाब पार पाकिस्तान ने कैसे प्रतिक्रिया दी है????
14 अप्रैल को इसराइल पर ईरान के हमले के एक दिन बाद, पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर तनाव कम करने का आह्वान किया। बयान में घटनाओं को कूटनीति के टूटने का परिणाम मान गया।
मंत्रालय के बयान में कहा गया है यह उन मामलों में गंभीर निहित अर्थ को भी रेखांकित करते हैं जहां संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा भवन रखने की अपनी जिम्मेदारियां को पूरा करने की असमर्थ है। इसमें आगे कहा गया कि पाकिस्तान ने क्षेत्र में आगे की शत्रुता को रोकने और गंज में संघर्ष विराम के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयास की आवश्यकता को रेखांकित किया है